एंकर बोली इस
चैनल में सच ज्यादा है.
कहीं न जाना खबर
दिखाने का वादा है.
एक खबर पर दो
घंटे का हल्ला काटा,
बोली फिर
विज्ञापन की थोड़ी बाधा है.
पांच मिनट में
लौट के आई, बैठे रहना.
अब तक जो तुमने
देखा वो सच आधा है.
दो घंटे में ही
दिमाग का दही बन गया,
मट्ठा बनाके
छोड़ेंगे, ये आमादा है.
अब भी टीवी से
चिपका है, क्या गुलाम है,
किसने कहा देख
"बूँद" किसने लादा है?
..........................
(विक्रम नेगी
"बूँद")
०७ अप्रैल २०१२
दोपहर १२:४५
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