सोमवार, 23 दिसंबर 2013

जलती हुई सिगरेट की तरह

यह साल भी खत्म हो गया
जलती हुई सिगरेट की तरह

थोड़ी सी आग 
साँसोँ मेँ घुली

बहुत सारा धुँआ  
बाहर निकला  

ठुड्डियाँ बची हुई हैँ
राख के ढेर मेँ
ओँठोँ पे रखे हुए 
ठंडे शब्दोँ को जलाने के लिए...
 
(बूँद)



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